Arrested JE: पंचायती फंडों में 8 लाख रुपए का गबन करने पर जेई, पंचायत सचिव और पूर्व सरपंच विजीलैंस द्वारा गिरफ़्तार
Arrested JE: पंचायती फंडों में 8 लाख रुपए का गबन करने पर जेई, पंचायत सचिव और पूर्व सरपंच विजीलैंस द्
चंडीगढ़ 18 अगस्तः Arrested JE: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से भ्रष्टाचार के विरुद्ध जारी मुहिम के दौरान ग्राम पंचायत धीरेकोट, ब्लॉक जंडियाला गुरू, ज़िला अमृतसर के पंचायती फंडों, विकास ग्रांटों और शामलाट ज़मीन की आय में 8,09,744 लाख रुपए का गबन करने के विरुद्ध आज ब्यूरो की तरफ से पंचायत विभाग के जेई, पंचायत सचिव और पूर्व सरपंच को गिरफ़्तार किया है।
आज यहां यह जानकारी देते हुए पंजाब विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि गांव धीरेकोट के पंचायती फंडों में गबन करने सम्बन्धी मिली शिकायत की कठिन पड़ताल के उपरांत साल 2013 से 2016 के समय दौरान कुल 8,09,744 लाख रुपए का गबन पाये जाने के दोष के तहत पूर्व सरपंच जसबीर सिंह धीरेकोट, करनजीत सिंह पंचायत सचिव (अब सेवामुक्त) और हरभजन सिंह जेई पंचायती राज (अब सेवामुक्त) के खि़लाफ़ आइपीसी की धारा 409, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13( 1) ए और 13(2) के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना अमृतसर में मुकदमा दर्ज करने के उपरांत इन मुलजिमों को गिरफ़्तार करके आगे करवाई अमल में लाई गई है।
उन्होंने बताया कि जांच के सालों 2013-2016 के दौरान ग्राम पंचायत धीरेकोट को विकास कामों के लिए सरकार से मिली अलग-अलग ग्रांटें, गाँव की शामलात ज़मीन से हुई ठेके की आमदन, रकम का बैंक ब्याज और पिछला बकाए समेत कुल 56, 68, 330 रुपए की आमदन होनी पाई गई है जबकि मौजूदा पंचायत सचिव बलविन्दर सिंह की तरफ से पेश किये गए रिकार्ड के मुताबिक कुल 38,05,524 खर्चा करना बताया गया है और 18, 62, 806 रुपए ग्राम पंचायत के बैंक खाते में जमा होने पाये गए।
उन्होंने बताया कि टैक्निकल टीम की परीक्षक रिपोर्ट अनुसार उक्त ग्राम पंचायत की तरफ से कुल 29,95,780 रुपए के काम करने दर्शाये गए हैं। इस तरह पंचायत धीरेकोट की तरफ से 8,09,744 रुपए के कम काम करवाने पाये गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि विजीलैंस ब्यूरो की पडताल के उपरांत जसवीर सिंह पूर्व सरपंच, करनजीत सिंह पंचायत सचिव और हरभजन सिंह जेई की तरफ से विकास के कामों के लिए प्राप्त राशि के मुताबिक मुकम्मल ख़र्चा न करके मिलीभुगत से यह गबन किया जाना पाया गया है जिस कारण उक्त दोषियों के खि़लाफ़ मुकदमा दर्ज करके कार्यवाही अमल में लाई गई है।